पितृ दोष के बारे में तो आप सभी ने सुना ही होगा। जब घर परिवार में समस्या होती है या शादी नहीं होती और पैसा नहीं रुकता तो बहुत सारे लोगो को कहते सुना होगा की तुम्हारे घर में पितृ दोष है इसलिए तुम्हारे ऐसा हो रहा है। वैसे आज के वैज्ञानिक युग में बहुत सारे इन बातों पर विश्वास नहीं करते तो बहुत से लोग आज भी इन सब पर विश्वास करते है। इस आर्टिकल आपको पितृ दोष क्या है? पितृ दोष कब होता है? पितृ दोष से मुक्ति के उपाय क्या है? पितृ दोष के लक्षण क्या है? कैसे पहचाने की पितृ दोष है? ऐसे सभी प्रश्नो का जवाब आपको मिलने वाला है। इसलिए इसे ध्यान से पूरा पढ़े।
पितृ दोष क्या होता है?
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार पितृ दोष एक ऐसा दोष होता है जो पूर्वजो से सम्बंधित है। यदि जन्म कुंडली का सही विश्लेषण करवाया जाते तो जन्म कुंडली में भी इस दोष के बारे में पता चल जाता है। ये दोष जिस घर में या जिस व्यक्ति को होता है उसे जीवन में सुखपूर्वक जीवनयापन नहीं करने देता है।
पितृ दोष क्यों होता है?
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद विधि विधान से अंतिम संस्कार न किया जाये या किसी के अकाल मृत्यु हो जाये तो उसकी आत्मा को शांति प्राप्त नहीं होती है। और वो पितृ लोक में भटकती रहती है। तथा अपने परिवार वालो को श्राप , बुरा कहती है जिससे उससे सम्बंधित परिवार में कई पीढ़ियों तक पितृ दोष का दंश झेलना पड़ता है। इससे मुक्ति के लिए या इसके प्रभाव को काम करने के लिए जीवन भर उपाय करने की आवश्यकता होती है।
पितृ दोष के लक्षण?
वैसे तो पितृ दोष के बहुत सारे लक्षण प्रकट होते है लेकिन यहाँ कुछ मुख्य लक्षण बता रहे है जिनके द्वारा आप पहचान कर सकते है की आपके घर में तो पितृदोष नहीं है।
- संतान न होना , संतान हो तो विकलांग होना , या फिर मंद बुद्धि या चरित्रहीन अथवा होकर मर जाना आदि
- नौकरी व्यवसाय में हानि होना , तरक्की न होना।
- परिवार में एकता न होना , अशांति होना।
- घर में हमेशा कोई न कोई बीमार रहना।
- घर के युवक युवतियों के विवाह में रुकावट आना।
- अपनों के द्वारा धोका मिलना।
- बार-बार दुर्घटना होना।
- मांगलिक कार्यो में विघ्न पैदा होना।
- घर में कलह रहना।
- छोटी-छोटी बातो में झगड़ा हो जाना।
- परिवार के किसी सदस्यों को प्रेत बाधा होना।
- भाई-भाई के बीच रिश्ते ख़राब होना।
- समाज द्वारा इज्जत न देना।
- किसी पक्षी , पशु का बार-बार बीमार होना।
- जानवरो द्वारा आपको घर में मृत पशु पक्षियों के अवशेष लेकर डालना आदि।
ये कुछ ऐसे लक्षण है जिनसे आप जान सकते है की आपके परिवार में पितृ दोष है।
पितृ दोष के कारण
आपको बता दे की हिन्दू धर्म में मृत लोगो के लिए एक पितृ लोक भी जहाँ अतृप्त आत्मा निवास करती है। पितृ दोष होने के उपरोक्त के अलावा कुछ अन्य भी कारण हो सकते है जो कुछ निम्न है -
- पितरो का विधिवत श्राद्ध न होना
- पितरो के को भूल जाना या उनका उपमान करना उन्हें गाली देना।
- धर्म विरुद्ध आचरण करना
- वृक्ष , पीपल , वट आदि वृक्षों को काटना
- नाग की हत्या करना।
- गौ हत्या या गौ का अपमान करना।
- पवित्र स्थान पर मल-मूत्र विसर्जित करना।
- कुल देवता या कुलदेवी का अपना करना उन्हें न मानना।
- पवित्र स्थानों पर गलत कार्य करना।
- पवित्र दिनों जैसे पूर्णिमा , अमावस्या आदि को स्त्री संग करना आदि।
पितृ दोष के उपाय
सुख पूर्वक जीवनयापन करने के लिए पितृ दोष को शांत करना आवश्यक होता है। इसके लिए निचे कुछ उपाय बताये गए है। जिनको यदि आप करते है तो पितृ दोष में जरूर फायदा मिलेगा।
- श्राद्ध पक्ष में तर्पण , श्राद्ध इत्यादि करें।
- पंचमी , अष्टमी , नवमी , चतुर्दशी , अमावस्या , पूर्णिमा को पितरो के निमित्त दान इत्यादि करें।
- घर में भगवत गीता पाठ करे विशेषकर 7 वे अध्याय का नियमित पाठ करे।
- पीपल की पूजा , उसमे मीठा जल तथा तेल का दीपक नित्य लगाए , व परिक्रमा करे।
- हनुमान बाहुक व रुद्राभिषेक करे।
- श्रीमद भागवत के मूल पथ श्राद्ध पक्ष में करवाए।
- गाय को हरा चारा , पक्षियों के सप्त धान्य का चुग्गा , कुत्ते को रोटी , व चींटियों को रोज चुग्गा डाले।
- ब्राह्मण कन्या भोज कराये।
- सूर्य को नियमित तांबे के पात्र में जल , लाल रोली , सोने की कोई वस्तु डालकर जल चढ़ाये ध्यान रहे जल में होकर सूर्य को देखे। जल चढ़ाते समय लौटा सिर से ऊपर रहे।
- नियमित गायत्री मंत्र की माला जापे।
हमें आशा है की आपको पितृ दोष के बारे में सभी जानकारी मिल गयी होंगी फिर भी यदि आपका कोई प्रश्न है तो हमें कमेंट करके जरूर बताये।
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